वाशिंगटन डीसी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कनाडा चरमपंथी तत्वों को पनाह देता है और भारत ने इस संबंध में अपनी चिंताओं से संयुक्त राज्य अमेरिका को अवगत कराया है। विदेश मंत्री की यह टिप्पणी भारत और कनाडा के बीच बढ़ते उस विवाद के बीच आई है, जोकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर दिए गए बयान से पनपा था।
विदेश मंत्री ने शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में एक थिंक टैंक में चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में टिप्पणी करते हुए कहा कि आज, हमारे राजनयिक कनाडा में दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में जाने में असुरक्षित हैं। उन्हें सार्वजनिक रूप से डराया जाता है और इसी कारण हमें कनाडा में वीज़ा सेवा निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसलिए, मैंने (जयशंकर) इस बारे में (यूएस एनएसए) जेक सुलिवन और (अमेरिकी सचिव) से बात की थी। जयशंकर ने कहा कि हमारा मानना है कि आतंकवादियों और खुले तौर पर हिंसा की वकालत करने वाले लोगों के प्रति कनाडा का रवैया उदारवादी है। ये सब कनाडा की राजनीति के कारण हो पा रहा है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 70 सालों के दौरान कई देशों के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में काफी उतार चढ़ाव देखा गया है। अमेरिका-रूस संबंध, चीन-रूस संबंध, अमेरिका-चीन संबंध सहित हर बड़े रिश्तों में काफी अस्थिरता देखी गई है। उन्होंने भारत-रूस संबंध को बहुत ही असाधारण करार देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बहुत ही स्थिर रहा है। वहीं, भारत-कनाडा विवाद पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कनाडा के साथ कई वर्षों से टकराव रहा है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है।
वहीं, कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत की संलिप्तता के आरोप लगाने के बावजूद, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि विश्व मंच पर भारत के बढ़ते महत्व को देखते हुए उनके देश और सहयोगियों के लिए उसके साथ रचनात्मक और गंभीरता स जुडऩा जारी बेहद महत्वपूर्ण है।
द नेशनल पोस्ट अखबार की रिपोर्ट के अनुसार,मॉन्ट्रियल में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, कनाडा अभी भी भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है और जैसा कि हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति प्रस्तुत की थी, हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं। ट्रूडो ने दावा किया कि उन्हें अमेरिका से आश्वासन मिला है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन निज्जर मुद्दे को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के सामने उठाएंगे।