चंडीगढ़। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहाकि एसवाईएल नहर का पानी लेना तो बहुत दूर की बात है हरियाणा सरकार पंजाब से अपने हिस्से को पूरा पानी नहीं ले पा रही है। मुख्य भाखड़ा नहर की सफाई न होने पर 6700 क्यूसेक के बजाए 4000 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है। इससे सिरसा, फतेहाबाद और हिसार (कुछ हिस्सा) में अभी से पीने के पानी की कमी हो रही है। सरसों की सिंचाई प्रभावित हो रही है जिससे किसान परेशान हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा को 7.83 एमएएफ (भाखड़ा के माध्यम से 4.33 एमएएफ, रावी-ब्यास से भाखड़ा नहर के माध्यम से आवंटित 3.5 एमएएफ में से 1.62 एमएएफ) आवंटित किया गया है। इसके अलावा हरियाणा को यमुना (5.6 एमएएफ) और घग्गर से लगभग 1.1 एमएएफ मिलता है।
भाखडा मुख्य नहर में पंजाब द्वारा 6700 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है पर इस नहर की कई सालों से साफ-सफाई और मरम्मत नहीं हुई है जिससे इसकी क्षमता प्रभावित हुई है और इस नहर में मात्र 4000 क्यूसेक पानी आ रहा है। यह नहर सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के कुछ हिस्से को पानी देती है पर इस समय नहर में आधा पानी ही आ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य भाखडा नहर में पानी कम आने की वजह से तीन जिलों खासकर सिरसा में पीने के पानी की कमी हो रही है और सरसों फसल की सिंचाई भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा है कि टोहाना के पास हैड पर काफी समय से पानी को रोकने वाली वॉल टूटी पड़ी है जिसकी विभाग आज तक मरम्मत तक नहीं करवाया पाया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की लापरवाही और अनदेखी की वजह से भाखडा नहर को 2700 क्यूसेक पानी कम मिल रहा है, अगर समय पर नहरों की सफाई और मरम्मत करवाई गई होती तो लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना न करना पड़ता और न ही सरसों की फसल की सिंचाई प्रभावित होती जिसकी इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। जनता चुनाव का इंतजार कर रही है ताकि वह वोट की चोट से सरकार की दशा और दिशा ही बदल सके।